नई राह पर उत्तर प्रदेश
उमेश चतुर्वेदी
उत्तर प्रदेश के
मतदान के दूसरे दौर में गोरखपुर के भारतीय जनता पार्टी के सांसद आदित्यनाथ का बयान
भले ही उनकी पार्टी को नागवार गुजरा हो..लेकिन अब तक के चुनावी दौर के बाद माना तो
यही जा रहा है कि मौजूदा चुनावों में राज्य में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं
मिलने जा रहा। अगर 2007 की तरह कोई चमत्कार हुआ और किसी पार्टी को आसानी से बहुमत
हासिल हो जाए तो यह बात और है। क्योंकि भारतीय मतदाता के मन की थाह लगा पाना आसान
नहीं है। वह वोट किसी खास को देता है और मतदान केंद्र से बाहर आता है तो वह किसी
और का साथ देने की बात करने लगता है। इस सोच के पीछे उसके अपने संस्कारों का असर
कहीं ज्यादा होता है। लेकिन अगर राजनेता की जमीनी पकड़ रही, राजनीतिक सवालों और
उससे पड़ते जमीनी असर पर उसका ध्यान रहा तो निश्चित तौर पर वह अपने राजनीतिक
उत्थान और हश्र की असल कहानी समझ रहा होता है। लेकिन गांधी के नाम पर सत्य और
अंहिसा की जिस परंपरावादी राजनीति की घुट्टी मौजूदा राजनीति के कर्णधार पीते रहे
हैं,