Tuesday, May 29, 2018

इंदौर में 23-24 फरवरी में आयोजित होगा जी.आई.एस. 2019


प्रेस विज्ञप्ति नई दिल्ली, 29 मई, 2018. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने आज यहां ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2019 के लिए आयोजित काॅर्टन रेजर कार्यक्रम में दो वेबपोर्टल - जी.आई.एस. 2019 और इन्वेस्ट एम.पी. पोर्टल जारी किये। श्री चैहान ने उपस्थित राजनयिकों और उद्योगपतियों से मध्यप्रदेश आने का न्यौता दिया और निवेश के लिए आमंत्रण दिया। इस अवसर पर प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस.के. मिश्रा सहित केन्द्र और राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। जी.आई.एस. 2019 आगामी 23-24 फरवरी 2019 को इंदौर में होना निश्चित हुआ है। श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में हो रहे चहुमुंखी विकास के बारे में विस्तार से बताया और उपस्थित उद्योगपतियों एवं राजनयिकों को प्रदेश में उद्योग लगाने का निमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। खनिज संपदा के साथ-साथ प्रदेश की अधोसंरचना को पूर्णरूप से विकसित किया जा चुका है। ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश सरप्लस राज्य है। सड़कों का पूरे प्रदेश में जाल बिछाया गया है। पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। सिंचित जमीन 40 लाख हेक्टेयर से भी अधिक है। कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने लगातार पांच साल कृषि कर्मण अवार्ड जीतकर नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। कृषि उत्पाद दर पिछले कई सालों से 20 से ऊपर पाई गई है। प्रदेश की ग्रोथ रेट पिछले सात सालों में डबल डिजिट में है। इसके साथ-साथ प्रदेश की नौकरशाही हमेशा मददगार एवं सहायक सिद्ध हुई है। प्रदेश में कुशल मैनपावर हमेशा उपलब्ध है। कुल मिलाकर प्रदेश की भौगोलिक स्थिति, अधोसंरचना और राजनीतिक स्थिरता निवेश के माहौल के लिए अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है। इसके पहले वाणिज्य एवं उद्योगमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला ने उद्योगपतियों को संबोधित किया और बताया कि इन्वेस्ट पोर्टल एम.पी. के जरिये निवेशक छह विभाग और 22 सेवाओं से सीधे जुड़ जाता है और उसे पोर्टल के माध्यम से सीधे सभी प्रकार की जानकारियां सुलभ घर बैठे ही प्राप्त हो जाती हैं और किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती है। प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग मोहम्मद सुलेमान ने दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से दोनों वेब पोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

प्रेस विज्ञप्ति


कार्य कर रहे संघ के वैचारिक समूह- अरूण कुमार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से संघ के स्वयंसेवक 35 विभिन्न संघटनों के माध्यम से समाज जीवन के अनेक क्षेत्रों में सक्रिय है। समाज जीवन के एक ही क्षेत्र में सक्रिय ऐसे समान धर्मी संगठन अपने क्षेत्र में चल रहे कार्य, अनुभव एवं निरीक्षण साँझा करने हेतु एकत्र आते है। इसलिए उनके शिक्षा, आर्थिक, सेवा, सामाजिक तथा वैचारिक क्षेत्र ऐसे समूह बनाए गए है जिससे आपस में अधिक विस्तारपूर्वक चर्चा हो सके। ऐसी बैठकें 2007 से प्रतिवर्ष हो रही है। इस वर्ष इन में से कुछ समूहों की बैठकें 28 से 31 मई 2018 के बीच दिल्ली में होने जा रही है। ये समन्वय बैठक नहीं है और ना ही यह कोई निर्णय लेने वाली बैठक है। केवल प्रयोग, अनुभव एवं निरीक्षण साँझा करने के लिए ये बैठकें होती है।

कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों के लिए अविलंब स्नान कराने की व्यवस्था हो - पंकज गोयल


नई दिल्ली, 28 मई। तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर, जो कि चीन के अधीन है, यात्रा पर गए हुए भारत और अन्य देशों से लगभग 5000 हिंदू तीर्थ यात्रियों के साथ चीनी सरकार के आदेश पर चीनी सैनिकों के द्वारा किए गए अमानवीय व्यवहार और उनको परिक्रमा के बाद स्नान ना करने देने पर भारत तिब्बत सहयोग मंच के महामंत्री श्रीमान पंकज गोयल जी ने इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए भारत सरकार से मांग किया है कि भारत सरकार तत्काल प्रभाव से चीन सरकार से बात करें और यात्रियों को अभिलंब स्नान करने की व्यवस्था कराएं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। चीनी सामान पर प्रतिबंध लगाएं। नहीं तो भारत तिब्बत सहयोग मंच देशभर में प्रदर्शन करेगा उन्होंने आगे कहा कि आज कैलाश मानसरोवर में चीन सरकार के आदेश के कारण कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा के बाद स्नान करने की जो प्रथा है उसको सैनिकों ने मना कर दिया इससे संपूर्ण विश्व के हिंदुओं में बड़ा रोष है। यह हिंदुओं की आस्था पर बहुत बड़ा कुठाराघात है। एक तीर्थयात्री जीवन में एक बार लाखों रुपए खर्च करके बड़ी मुश्किल से कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर पाता है और अगर वहां जाकर उसकी आस्था के अनुसार अगर वह स्नान ना कर सके इससे दुख की बात और क्या हो सकती है। सरकार मामले को संज्ञान में लें।

Monday, May 28, 2018

अपनी बानी में दवाई की पढ़ाई


डॉ. वेदप्रताप वैदिक
आजकल मैं इंदौर में हूं। यहां के अखबारों में छपी एक खबर ऐसी है कि जिस पर पूरे देश का ध्यान जाना चाहिए। केंद्र सरकार का भी और प्रांतीय सरकारों का भी। चिकित्सा के क्षेत्र में यह क्रांतिकारी कदम है। पिछले 50 साल से देश के नेताओं और डाॅक्टरों से मैं आग्रह कर रहा हूं कि मेडिकल की पढ़ाई आप हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में शुरु करें। ताकि उसके कई फायदे देश को एक साथ हों। एक तो पढ़ाई के आसान होने से डाॅक्टरों की संख्या बढ़ेगी। गांव-गांव तक रोगियों का इलाज हो सकेगा। दूसरा, इलाज के नाम पर अंग्रेजी के जादू-टोने से जो ठगी होती है, वह रुकेगी। तीसरा, दवाइयों के दामों में जो लूट-पाट मचती है, वह रुकेगी। हिंदी में नुस्खे लिखे जाएंगे तो वे मरीज के भी पल्ले पड़ेंगे। चौथा, स्वभाषा में पढ़ाई होने पर छात्रों की मौलिकता में वृद्धि होती है। यदि वे अनुसंधान अपनी भाषा में करेंगे तो भारत में पैदा होनेवाले रोगों का मौलिक इलाज़ ढूंढ सकेंगे। विदेशों पर होनेवाली उनकी पूर्ण निर्भरता घटेगी। इन सब बुनियादी कामों की शुरुआत अब मध्यप्रदेश में हो रही है। यहां की मेडिकल युनिवर्सिटी के बोर्ड आॅफ स्टडीज ने फैसला कर लिया है कि सभी चिकित्सा परीक्षाएं अब हिंदी में भी होंगी। मेरी बधाई ! ऐसी अनुमति देनेवाली दिल्ली की मेडिकल कौंसिल को भी धन्यवाद ! और सबसे ज्यादा आभार, धन्यवाद और बधाई भारत के स्वास्थ्य मंत्री जगतप्रकाश नड्ढा को, जिनसे इस मामले में बराबर मेरी बात होती रही और जिन्होंने लगभग दो माह पहले ही मुझसे कहा था कि अब मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में ही नहीं, कई भारतीय भाषाओं में शुरु होने ही वाली है। यह मप्र में सबसे पहले शुरु हुई है, इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज चौहान भी बधाई के पात्र हैं। मप्र के डाॅक्टर बंधुओं से मेरा निवेदन है कि वे मेडिकल की हिंदी पाठ्य-पुस्तकें जल्दी से जल्दी तैयार करें ताकि मप्र चिकित्सा-क्रांति का अग्रदूत बन सके।

Saturday, May 26, 2018

सेवा कार्य में प्रसिद्धि की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए : दत्तात्रेय होसबाले


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग की वेबसाइट www.sewagatha.org का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने दिल्ली के मावलंकर सभागार में 26 मई को किया । इस अवसर पर सेवा गाथा एप्प का भी लोकार्पण किया गया। दत्तात्रेय होसबाले ने इस मौके पर कहा कि दैवीय, प्रकृति आपदाओं के समय सबसे पहले आरएसएस के स्वयंसेवक पहुँचते ही है। अब यह समाज में सहज रूप से माना जाने लगा है। स्वयंसेवकों द्वारा समाज के संकट काल में संघ लोगों की संवेदनाएं जगाने का कार्य करता है। स्वामी विवेकानंद का सन्दर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि भूखे व्यक्तियों को प्रवचन देने से पहले उनको रोटी दो, यही उनका उद्धार है। उत्तराखंड बाढ़ के समय सेवा भारती के राहत कार्य की प्रशंसा करते हुए श्री होसबाले ने कहा कि इसी तरह जैसे लातूर आदि अनेक स्थानों में त्वरित राहत कार्य और पुनर्वास कार्य संघ के स्वयंसेवकों करवाए। आज भी लातूर में भूकंप के 25 साल बाद भी छात्रावास और चिकित्सालय चल रहे हैं। संघ के स्वयंसेवकों को सेवा कार्य के लिए दिया गया 100 रुपये 101 रुपये बनकर जरूरतमंदों तक पहुँचता है। लगातार सेवा करने का कार्य सेवा भारती समाज के सम्पर्क और सहयोग से स्वयंसेवकों के माध्यम से कर रही है। समाज का स्वयंसेवकों पर विशवास बढ़ा है। सेवा भाव मनुष्य मात्र में स्वाभाविक रूप से है ही, बस उसे जागृत करने की आवश्यकता है जिसे संघ का सेवा बिभाग कर रहा है। संघ ने अपने व्यवहार, आचरण से समाज का विश्वास अर्जित किया है। उन्होंने बताया कि सेवा कार्य में प्रसिद्धि की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए, उससे सेवा का महत्व नष्ट हो जाता है, किन्तु लोगों में सेवा की प्रेरणा जगाने लिए संवाद करना चाहिए। इसलिए सेवा के अपने कार्य में गुणात्मक वृद्धि के लिए वेबसाइट शुरू की गयी है। कार्यकर्ता आपस में अनुभवों का आदान प्रदान करें। संघ की 52 हजार शाखाएँ हैं। श्री होसबाले ने कहा कि शाखा द्वारा छोटे-छोटे सेवा कार्य करें, उससे और लोग इन सेवा कार्यों से जुड़ें। इसके लिए संस्थाओं, चंदे-रसीद की आवश्यकता नहीं है। समाज के विभिन्न वर्गों की सेवा के लिए संस्थागत कार्य की आवश्यकता होती है, इस तरह के कार्य सेवा भारती कार्य कर रही है। मेरा समय, धन, ज्ञान, अनुभव ईश्वर की संपती है इसको वंचितों को समर्पित करना ईश्वर को ही अर्पण करना है, ईश्वर की ही सेवा है। जैसे तुलसी की माला ह्रदय को शांति देती है वैसे सेवा कार्यों की माला ह्रदय को शांति प्रदान करती है। इस मौके पर केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने केंद्र सरकार के 4 साल सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि आरएसएस सेवा विभाग की बीकानेर इकाई ने थार रेगिस्तान में बेघर लोगों को इकठ्ठा करके उनके करीब 60 बच्चों के लिए होस्टल बनाया, सेवा भारती ने वहां समाज से सहयोग लेकर, आवासीय विद्यालय के रूप में उनको शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। लगातार संस्कार देकर होस्टल में पढ़ाना सेवा का एक बहुत अच्छा उदाहरण है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रान्त संघचालक कुलभूषण आहूजा ने कार्यक्रम में आए गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर उत्तर क्षेत्र के सह क्षेत्र कार्यवाह विजय जी, सेवा भारती के ऋषिपाल डडवाल, दिल्ली प्रान्त प्रचारक हरीश जी, दिल्ली प्रान्त कार्यवाह भारत जी और प्रान्त सेवा प्रमुख उपस्थित थे।

नर्मदा को सिर्फ पूजें नहीं, उसे बचाएं: वेगड़


माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता वि.वि. ने वयोवृद्ध लेखक श्री अमृतलाल वेगड़ को डी. लिट. की उपाधि से सम्मानित किया जबलपुर, 26 मई। ख्यातिलब्ध लेखक और पर्यावरणविद् अमृतलाल वेगड़ ने कहा कि नदियों को सिर्फ पूजने के बजाए उनको बचाने की जरूरत है। हम नर्मदा को मां कहते हैं किंतु हमने उसका क्या हाल बना रखा है, यह किसी से छिपा नहीं है। हमारी कथनी और करनी में अंतर ही वह एकमेव कारण है, जिसके कारण हम एक हजार साल तक गुलाम रहे। यह प्रवृत्ति आज भी कम नहीं हुई है। श्री वेगड़ ने ये विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की ओर से डी. लिट. (विद्या वाचस्पति) की मानद उपाधि से सम्मानित किये जाने के अवसर पर व्यक्त किये। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष वेंकैया नायडू ने श्री वेगड़ को डी. लिट. की मानद उपाधि दिए जाने की घोषणा की थी। स्वास्थ्य कारणों से श्री वेगड़ विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में नहीं आ सके थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने निर्णय लिया था कि श्री वेगड़ के निवास पर जाकर कुलपति जगदीश उपासने उन्हें यह अलंकरण प्रदान करेंगे। जबलपुर में अपने आवास आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमने हर विषय पर ऊंची-ऊंची बातें तो कीं पर कर्म का खाता खाली है। इसलिए हमें नर्मदा सहित अपनी सभी नदियों की पूजा करने, दीप जलाने के साथ उनकी स्वच्छता और निर्मल प्रवाह को बनाए रखने के लिए खास प्रयास करने होंगे। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश उपासने ने कहा कि श्री वेगड़ हमारी ऋषि परंपरा के उत्तराधिकारी हैं। उन्होंने अपना समूचा जीवन लोकसंचार के लिए समर्पित कर दिया। वे सच्चे संचारकर्ता हैं, क्योंकि कोई भी संचार समाज के लिए होता है और वही संचार सार्थक है, जिसमें लोकमंगल की भावना निहित हो। उनका पूरा जीवन ही एक सार्थक संचार है। उन्हें सम्मानित कर विश्वविद्यालय पर्यावरण और नदी संरक्षण से जुड़ी उनकी चिंताओं को अकादमिक प्रतिष्ठा दिलाने का प्रयास भी करेगा। जबलपुर की महापौर स्वाति गोडबाले ने इस अवसर श्री वेगड़ को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे जबलपुर के गौरवपुरूष और हमारे प्रेरणाश्रोत हैं। उनकी प्रेरणा और प्रोत्साहन से मां नर्मदा के प्रति सामाजिक समझ बढ़ी है। उन्होंने कहा कि श्री वेगड़ ने नदियों के संरक्षण के विषय को राष्ट्रीय फलक पर स्थापित कर दिया है। नर्मदा रेखांकन का लोकार्पणः
समारोह में श्री वेगड़ की इच्छानुसार उनके नर्मदा के रेखांकन पर केंद्रित प्रकाशन नर्मदा रेखांकन का लोकार्पण कुलपति श्री जगदीश उपासने ने किया। पुस्तक में अद्भुत नदी नर्मदा की परिक्रमा पर आधारित रेखाचित्र हैं। इन रेखांचित्रों में नर्मदा के बहुआयामी सौंदर्य को रेखांकित किया गया है।

सुबह सवेरे में