क्या संगमा बनेंगे कलाम !
उमेश चतुर्वेदी
इसे ही शायद लोकतंत्र कहते हैं...अपनी ही पार्टी साथ देने को तैयार नजर
नहीं आती। इसके बावजूद देश का पहला नागरिक बनने की दौड़ में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष
पी ए संगमा शामिल हो चुके हैं। वैसे तो इस दौड़ में वे खुद को पहले से ही शामिल कर
चुके थे, लेकिन बीजू जनता दल और अन्ना द्रमुक ने उनका साथ देकर उनकी उम्मीदवारी को
थोड़ा गंभीर जरूर बना दिया है। थोड़ा इसलिए, क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक
मंडल का सिर्फ तीन-तीन फीसदी मत ही दोनों दलों के पास है। जाहिर है कि इतने कम मत
से रायसीना हिल की दौड़ जीतना असंभव ही है। पीए संगमा ने जिस आदिवासी कार्ड के
बहाने अपना नाम आगे बढ़ाया है, उसे उनकी अपनी ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी साथ
नहीं दे रही तो दूसरों से क्या उम्मीद की जाती।