Monday, April 25, 2016
Sunday, April 10, 2016
अमित शाह की आक्रामक राजनीति और बीजेपी
उमेश चतुर्वेदी
हताशा और निराशा के दौर से जिस पार्टी को दशकों गुजरना पड़ा
हो, अगर लंबे संघर्ष के बाद वह जनता की आंखों का दुलारा बन जाए तो उसका उत्साहित
होना स्वाभाविक है। भारतीय जनता पार्टी के 37 वें स्थापना दिवस पर अमित शाह की
हुंकार को भी इसी नजरिए से देखा जाना चाहिए। पार्टी अध्यक्ष के नाते अमित शाह ने
बीजेपी के कार्यकर्ताओं से कहा कि पार्टी को पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक 25
साल तक राज करना है। अमित शाह का यह बयान उनके विरोधियों को बड़बोलापन लग सकता है।
विपक्षी दल इस पर सवाल भी उठा सकते हैं। उनका सवाल उठाना जायज भी है। लेकिन अमित
शाह कोई अजूबी बात नहीं कर रहे हैं। जिस पार्टी के कार्यकर्ताओं को छोड़ दें, बड़े
नेताओं तक को संघर्ष और राजनीतिक उत्पीड़न के लंबे दौर से जूझना पड़ा हो, उस
पार्टी के अध्यक्ष की हुंकार ऐसी ही होनी चाहिए। कम से कम भारतीय जनता पार्टी के
कार्यकर्ता तो ऐसा ही मानते हैं। कारपोरेट और उदारीकरण के वर्चस्व के दौर में आज
टीम अगुआ से अपने लोगों को प्रेरित करने के लिए ऐसे ही बयानों की उम्मीद की जाती
है। मोर्चे को फतह करने की तैयारियों में जुटी सेनाओं के जनरल भी अपने सैनिकों का
उत्साह बढ़ाने और जीत के लिए प्रेरित करने के लिए ऐसे ही बयान देते रहे हैं।
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