उमेश चतुर्वेदी
दागियों
को माननीय बनने और बनाने से रोकने वाले विधेयक और अध्यादेश की वापसी ने
सरकार और विपक्ष दोनों के बीच श्रेय लेने की होड़ का मौका दे दिया है।
सरकार की अगुआई कर रही कांग्रेस पार्टी जहां इसके लिए पूरा श्रेय राहुल
गांधी को देने की पुरजोर कोशिश कर ही रही है। विपक्ष भी इसका पूरा श्रेय
खुद लेना चाहता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इसका पूरा श्रेय राहुल गांधी
को ही मिलना चाहिए। सवाल यह भी है कि क्या विपक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं
रही। सवाल यह भी है कि क्या वामपंथी दलों ने राजनीतिक गंगा को साफ करने
वाले इस यज्ञ में कोई योगदान नहीं दिया और क्या इस एक फैसले से नरेंद्र
मोदी की तरफ से राहुल गांधी को जो चुनौती मिलती नजर आ रही है, उस पर लगाम
लग जाएगा।