Thursday, June 7, 2018

संवेदना जागृत कर रही है सेवा भारती – सुहास राव हिरेमठ


प्रेस विज्ञप्ति नई दिल्ली,7 जून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सुहास राव हिरेमठ ने आज सेवा भारती की शिक्षिकाओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। नगरीय सेवा बस्तियों में सर्वेक्षण को करने वाली सेवा भारती की शिक्षिकाओं को आर्य समाज भवन डोरीवालन में सम्मान व प्रशस्ति पत्र दे कर प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर श्री सुहास राव हिरेमठ ने बताया कि जब दूसरों की पीड़ा देखते हैं तब मन के अन्दर एक संवेदना जागृत होती है। गरीबी क्या होती है यह वनवासी क्षेत्रों और सेवा बस्तियों में जाकर पता चलती है, उसमें भी महिलाओं का जीवन ज्यादा कष्टकर होता है। पुरुष द्वारा सारी कमाई शराब में खर्च करने से उसे परिवार और आजीविका दोनों देखने पड़ते हैं। लेकिन कोई महिला किसी पुरुष को अपनी पीड़ा नहीं बताती। वह अपनी सहृदयी महिला को ही अपना दुःख और समस्या बताती है, इसलिए सेवा भारती की बहनें महिला अध्ययन का कार्य कर रही हैं। सेवा बस्तियों की महिलाओं को दैनिक जीवन की आवश्यकताओं से अधिक भूख प्रेम और सम्मान की भी होती है जिसकी पूर्ति सेवा भारती की कार्यकर्ता बहने कर रही हैं।
राष्ट्रीय सेवा भारती की सह सचिव रेनू पाठक ने बस्ती अध्ययन की भूमिका बताते हुए कहा कि जे.जे. क्लस्टर, स्लम बस्तियों में महिलाओं की वास्तविक स्थिति, उनके जीवनयापन का विस्तृत अध्ययन करने के लिए सेवा भारती ने इन बस्तियों में एक व्यापक सर्वेक्षण किया है। महिला अध्ययन के इस सर्वेक्षण के दौरान एक ही समय पर 60 शहरों में 30 हजार फॉर्म भरवाए गए। इस अध्ययन की रिपोर्ट प्रमाणिक है, जो शोध छात्रों के साथ-साथ महिला कल्याण की सरकारी योजनाओं में भी यह अध्ययन उपयोगी सिद्ध होगा। इस सर्वेक्षण में पाया गया कि सेवा बस्तियों में महिलाओं और बच्चों की स्थिति में बहुत अधिक सुधार की आवश्यकता है। सेवा भारती द्वारा इसमें पहल की गयी है, बस्तियों में 24 घंटे शौचालयों को खुला रखने,पानी के टैंकर, कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए बाल वाटिकाएँ, पढने के लिए लाइब्रेरी, बालिकाओं को पढ़ने के लिए प्रोत्साहन, नशा मुक्ति अभियान, रोजगार, स्वच्छता, नि:शुल्क क्लीनिक जैसे सेवा कार्य इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अध्ययन के अनुसार आरम्भ हो गए हैं। इस मौके पर महिला अध्ययन करने वाली शिक्षिकाओं ने सेवा बस्तियों में अपने अनुभव साझे किया। उन्होंने बताया कि आजीविका अर्जित करने के कारण दोपहर में महिलाएं नहीं मिल पाती थीं, उनके बच्चे सड़कों पर इधर-उधर घूमते मिले। पानी, शौचालय, रोजगार आदि की समस्या के कारण उनका जीवन बहुत कष्टदाई है। इस मौके पर दिल्ली सेवा भारती के उपाध्यक्ष संजय जी तथा बढ़ी संख्या में सेवा भारती के कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Tuesday, May 29, 2018

इंदौर में 23-24 फरवरी में आयोजित होगा जी.आई.एस. 2019


प्रेस विज्ञप्ति नई दिल्ली, 29 मई, 2018. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान ने आज यहां ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2019 के लिए आयोजित काॅर्टन रेजर कार्यक्रम में दो वेबपोर्टल - जी.आई.एस. 2019 और इन्वेस्ट एम.पी. पोर्टल जारी किये। श्री चैहान ने उपस्थित राजनयिकों और उद्योगपतियों से मध्यप्रदेश आने का न्यौता दिया और निवेश के लिए आमंत्रण दिया। इस अवसर पर प्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस.के. मिश्रा सहित केन्द्र और राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। जी.आई.एस. 2019 आगामी 23-24 फरवरी 2019 को इंदौर में होना निश्चित हुआ है। श्री चौहान ने मध्यप्रदेश में हो रहे चहुमुंखी विकास के बारे में विस्तार से बताया और उपस्थित उद्योगपतियों एवं राजनयिकों को प्रदेश में उद्योग लगाने का निमंत्रण दिया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में अपार संभावनाएं हैं। खनिज संपदा के साथ-साथ प्रदेश की अधोसंरचना को पूर्णरूप से विकसित किया जा चुका है। ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश सरप्लस राज्य है। सड़कों का पूरे प्रदेश में जाल बिछाया गया है। पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। सिंचित जमीन 40 लाख हेक्टेयर से भी अधिक है। कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने लगातार पांच साल कृषि कर्मण अवार्ड जीतकर नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। कृषि उत्पाद दर पिछले कई सालों से 20 से ऊपर पाई गई है। प्रदेश की ग्रोथ रेट पिछले सात सालों में डबल डिजिट में है। इसके साथ-साथ प्रदेश की नौकरशाही हमेशा मददगार एवं सहायक सिद्ध हुई है। प्रदेश में कुशल मैनपावर हमेशा उपलब्ध है। कुल मिलाकर प्रदेश की भौगोलिक स्थिति, अधोसंरचना और राजनीतिक स्थिरता निवेश के माहौल के लिए अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है। इसके पहले वाणिज्य एवं उद्योगमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला ने उद्योगपतियों को संबोधित किया और बताया कि इन्वेस्ट पोर्टल एम.पी. के जरिये निवेशक छह विभाग और 22 सेवाओं से सीधे जुड़ जाता है और उसे पोर्टल के माध्यम से सीधे सभी प्रकार की जानकारियां सुलभ घर बैठे ही प्राप्त हो जाती हैं और किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होती है। प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग मोहम्मद सुलेमान ने दृश्य एवं श्रव्य माध्यम से दोनों वेब पोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

प्रेस विज्ञप्ति


कार्य कर रहे संघ के वैचारिक समूह- अरूण कुमार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से संघ के स्वयंसेवक 35 विभिन्न संघटनों के माध्यम से समाज जीवन के अनेक क्षेत्रों में सक्रिय है। समाज जीवन के एक ही क्षेत्र में सक्रिय ऐसे समान धर्मी संगठन अपने क्षेत्र में चल रहे कार्य, अनुभव एवं निरीक्षण साँझा करने हेतु एकत्र आते है। इसलिए उनके शिक्षा, आर्थिक, सेवा, सामाजिक तथा वैचारिक क्षेत्र ऐसे समूह बनाए गए है जिससे आपस में अधिक विस्तारपूर्वक चर्चा हो सके। ऐसी बैठकें 2007 से प्रतिवर्ष हो रही है। इस वर्ष इन में से कुछ समूहों की बैठकें 28 से 31 मई 2018 के बीच दिल्ली में होने जा रही है। ये समन्वय बैठक नहीं है और ना ही यह कोई निर्णय लेने वाली बैठक है। केवल प्रयोग, अनुभव एवं निरीक्षण साँझा करने के लिए ये बैठकें होती है।

कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों के लिए अविलंब स्नान कराने की व्यवस्था हो - पंकज गोयल


नई दिल्ली, 28 मई। तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर, जो कि चीन के अधीन है, यात्रा पर गए हुए भारत और अन्य देशों से लगभग 5000 हिंदू तीर्थ यात्रियों के साथ चीनी सरकार के आदेश पर चीनी सैनिकों के द्वारा किए गए अमानवीय व्यवहार और उनको परिक्रमा के बाद स्नान ना करने देने पर भारत तिब्बत सहयोग मंच के महामंत्री श्रीमान पंकज गोयल जी ने इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए भारत सरकार से मांग किया है कि भारत सरकार तत्काल प्रभाव से चीन सरकार से बात करें और यात्रियों को अभिलंब स्नान करने की व्यवस्था कराएं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। चीनी सामान पर प्रतिबंध लगाएं। नहीं तो भारत तिब्बत सहयोग मंच देशभर में प्रदर्शन करेगा उन्होंने आगे कहा कि आज कैलाश मानसरोवर में चीन सरकार के आदेश के कारण कैलाश मानसरोवर की परिक्रमा के बाद स्नान करने की जो प्रथा है उसको सैनिकों ने मना कर दिया इससे संपूर्ण विश्व के हिंदुओं में बड़ा रोष है। यह हिंदुओं की आस्था पर बहुत बड़ा कुठाराघात है। एक तीर्थयात्री जीवन में एक बार लाखों रुपए खर्च करके बड़ी मुश्किल से कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर पाता है और अगर वहां जाकर उसकी आस्था के अनुसार अगर वह स्नान ना कर सके इससे दुख की बात और क्या हो सकती है। सरकार मामले को संज्ञान में लें।

Monday, May 28, 2018

अपनी बानी में दवाई की पढ़ाई


डॉ. वेदप्रताप वैदिक
आजकल मैं इंदौर में हूं। यहां के अखबारों में छपी एक खबर ऐसी है कि जिस पर पूरे देश का ध्यान जाना चाहिए। केंद्र सरकार का भी और प्रांतीय सरकारों का भी। चिकित्सा के क्षेत्र में यह क्रांतिकारी कदम है। पिछले 50 साल से देश के नेताओं और डाॅक्टरों से मैं आग्रह कर रहा हूं कि मेडिकल की पढ़ाई आप हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में शुरु करें। ताकि उसके कई फायदे देश को एक साथ हों। एक तो पढ़ाई के आसान होने से डाॅक्टरों की संख्या बढ़ेगी। गांव-गांव तक रोगियों का इलाज हो सकेगा। दूसरा, इलाज के नाम पर अंग्रेजी के जादू-टोने से जो ठगी होती है, वह रुकेगी। तीसरा, दवाइयों के दामों में जो लूट-पाट मचती है, वह रुकेगी। हिंदी में नुस्खे लिखे जाएंगे तो वे मरीज के भी पल्ले पड़ेंगे। चौथा, स्वभाषा में पढ़ाई होने पर छात्रों की मौलिकता में वृद्धि होती है। यदि वे अनुसंधान अपनी भाषा में करेंगे तो भारत में पैदा होनेवाले रोगों का मौलिक इलाज़ ढूंढ सकेंगे। विदेशों पर होनेवाली उनकी पूर्ण निर्भरता घटेगी। इन सब बुनियादी कामों की शुरुआत अब मध्यप्रदेश में हो रही है। यहां की मेडिकल युनिवर्सिटी के बोर्ड आॅफ स्टडीज ने फैसला कर लिया है कि सभी चिकित्सा परीक्षाएं अब हिंदी में भी होंगी। मेरी बधाई ! ऐसी अनुमति देनेवाली दिल्ली की मेडिकल कौंसिल को भी धन्यवाद ! और सबसे ज्यादा आभार, धन्यवाद और बधाई भारत के स्वास्थ्य मंत्री जगतप्रकाश नड्ढा को, जिनसे इस मामले में बराबर मेरी बात होती रही और जिन्होंने लगभग दो माह पहले ही मुझसे कहा था कि अब मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में ही नहीं, कई भारतीय भाषाओं में शुरु होने ही वाली है। यह मप्र में सबसे पहले शुरु हुई है, इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज चौहान भी बधाई के पात्र हैं। मप्र के डाॅक्टर बंधुओं से मेरा निवेदन है कि वे मेडिकल की हिंदी पाठ्य-पुस्तकें जल्दी से जल्दी तैयार करें ताकि मप्र चिकित्सा-क्रांति का अग्रदूत बन सके।

सुबह सवेरे में