Friday, May 25, 2018

प्रेस विज्ञप्ति


पत्रकार को सर्वसमावेशक की भूमिका निभानी चाहिए: वैद्य नागपुर,25 मई। ख्यातिलब्ध विचारक और वयोवृद्ध पत्रकार मा. गो. वैद्य ने कहा कि पत्रकार और संपादक को सर्वसमावेशक की भूमिका निभानी चाहिए| समाचार पत्र भी समावेशी होना चाहिए| समाचार पत्र के वैचारिक पृष्ठ पर सभी प्रकार के विचारों को अवसर दिया जाना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी समावेशी है। जो लोग संघ को नहीं पहचानते हैं, वे इसे 'एक्सक्लूसिव' की नजर से देखते हैं। वैद्य ने यह विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की और से डी. लिट. (विद्या वाचस्पति) की मानद उपाधि से सम्मानित किये जाने के अवसर पर व्यक्त किया। विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति एवं विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष एम वैंकैया नायडू ने श्री वैद्य को डी. लिट. की मानद उपाधि दिए जाने की घोषणा की थी। स्वास्थ्य कारणों से श्री वैद्य विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में नहीं आ सके थे। नागपुर में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए श्री वैद्य ने कहा कि वे संयोगवश पत्रकारिता के पेशे में आए, जबकि वे मूलतः शिक्षक हैं। जनसंघ के नागपुर क्षेत्र के संगठन मंत्री रहे। बीच-बीच में संघ की प्रतिनिधि सभा के प्रस्तावों का लेखन करते थे। इसे देखकर तत्कालीन सरकार्यवाह बालासाहब देवरस ने उन्हें 'तरुण भारत' का संपादक बना दिया। उन्होंने कहा कि संपादक रहते उन्होंने कभी-भी अपने नाम से लेख नहीं लिखा, बल्कि'नीरज' के नाम से लिखते रहे। श्री वैद्य ने कहा कि तरूण भारत को संघ के मुख्य पत्र के रूप में देखा जाता था, लेकिन साम्यवादी और कांग्रेस के विचारों को भी स्थान दिया जाता था। विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश उपासने, कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा और कुलसचिव संजय द्विवेदी ने श्री वैद्य को डी. लिट. की उपाधि से सम्मानित किया। मंच पर उनकी पत्नी सुनंदा वैद्य भी उपस्थित थीं। इसके पूर्व कुलपति श्री उपासने ने उन्हें डी. लिट. की मानद उपाधि दिए जाने की विधिवत घोषणा की। कुलाधिसचिव श्री आहूजा ने प्रशस्ति पत्र का वाचन किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव श्री द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर समाजसेवी विराग पाचपोर, पत्रकार कृष्ण नागपाल, नागपुर के मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि, वरिष्ठ नागरिक, विश्वविद्यालय के आदित्य जैन आदि उपस्थित थे। आभार सहायक कुलसचिव गिरीश जोशी ने माना।

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