राजनीतिक नफा-नुकसान के लिए
पाठ्यक्रमों का विरोध
उमेश चतुर्वेदी
संसद के साठ साल पूरे होने के मौके पर दिए एक साक्षात्कार में पहली संसद
के सदस्य रहे और मौजूदा राज्यसभा सदस्य रिशांग किशिंग ने एक बड़ी मार्के की बात
कही है। उन्होंने कहा है कि पहले संसद में जनता से जुड़े मुद्दे उठाए जाते थे,
लेकिन अब मुद्दे दलगत और राजनीतिक नफा-नुकसान के लिए उठाए जाते हैं। एनसीईआरटी की
किताब में छपे संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर से जुडे कार्टून का मसला
भी रिशांग किशिंग की चिंताओं को ही जाहिर कर रहा है। दिलचस्प यह है कि जिस कार्टून
को लेकर विवाद खड़ा हुआ, उसे शंकर जैसे मशहूर कार्टूनिस्ट ने बनाया है। 1949 में
बनाए गए इस कार्टून को लेकर पता नहीं तब अंबेडकर या नेहरू ने कैसी प्रतिक्रिया दी
होगी, , लेकिन एनसीईआरटी की किताब में प्रकाशित हुए इस कार्टून को लेकर दलितों की
राजनीति करने वाले बहुजन समाज पार्टी जैसे दलों का मानना कुछ और ही है। इन
राजनीतिक दलों को लगता है कि ऐसे कार्टून को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने बाबा
साहब अंबेडकर को लेकर छात्रों के मन में गलत संदेश जाएगा।