उमेश चतुर्वेदी
जम्मू-कश्मीर की भयावह बाढ़ 16 जून 2013 को उत्तराखंड मेंआए विनाशकारी जलप्रलय की याद दिला रही है। मीडिया की खबरें कश्मीर ही नहीं, जम्मू में बाढ़ और नदियों में समाई जिंदगियों और बस्तियों की कहानी से अटी पड़ी है। राजौरी जिले के एक दो मंजिला मकान के नदी में समाहित होने की तस्वीर कुछ ऐसे ही मीडिया में साया हुई है, जैसे पिछले साल गंगा और उसकी सहयोगी अलकनंदा नदी में उत्तराखंड में कुछ घर और बिल्डिंगें समा गई थीं और देखते ही देखते वहां जिंदगी का नामोनिशान मिट गया था। जम्मू में तवी नदी के किनारे स्थित गणेश जी की मूर्ति बाढ़ में उत्ताल उठती लहरों से कुछ वैसे ही मोर्चा संभाले हुए मीडिया रिपोर्टो में नजर आती रही, जैसे पिछले साल ऋषिकेश में गंगा की लहरों से भगवान शंकर की मूर्ति ने दो-दो हाथ किया था। बाहरी दुनिया के लिए उत्तराखंड की विनाशलीला के प्रतीक के तौर पर लहरों के बीच खड़ी शंकर की मूर्ति बनी थी। यह दुर्योग ही है कि ठीक पंद्रह महीने बाद जम्मू में भगवान शंकर के बेटे भगवान गणेश की प्रतिमा जम्मू-कश्मीर के जल प्रलय का प्रतीक बन गई है।
जम्मू-कश्मीर की भयावह बाढ़ 16 जून 2013 को उत्तराखंड मेंआए विनाशकारी जलप्रलय की याद दिला रही है। मीडिया की खबरें कश्मीर ही नहीं, जम्मू में बाढ़ और नदियों में समाई जिंदगियों और बस्तियों की कहानी से अटी पड़ी है। राजौरी जिले के एक दो मंजिला मकान के नदी में समाहित होने की तस्वीर कुछ ऐसे ही मीडिया में साया हुई है, जैसे पिछले साल गंगा और उसकी सहयोगी अलकनंदा नदी में उत्तराखंड में कुछ घर और बिल्डिंगें समा गई थीं और देखते ही देखते वहां जिंदगी का नामोनिशान मिट गया था। जम्मू में तवी नदी के किनारे स्थित गणेश जी की मूर्ति बाढ़ में उत्ताल उठती लहरों से कुछ वैसे ही मोर्चा संभाले हुए मीडिया रिपोर्टो में नजर आती रही, जैसे पिछले साल ऋषिकेश में गंगा की लहरों से भगवान शंकर की मूर्ति ने दो-दो हाथ किया था। बाहरी दुनिया के लिए उत्तराखंड की विनाशलीला के प्रतीक के तौर पर लहरों के बीच खड़ी शंकर की मूर्ति बनी थी। यह दुर्योग ही है कि ठीक पंद्रह महीने बाद जम्मू में भगवान शंकर के बेटे भगवान गणेश की प्रतिमा जम्मू-कश्मीर के जल प्रलय का प्रतीक बन गई है।