उमेश चतुर्वेदी
अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे की
सक्रियता के दौर में जिस तरह रोजाना घपले-घोटाले की खबरें सामने आ रही हैं,
राज्यों के लोकायुक्तों की पुलिस मामूली से समझे जाने वाले कर्मचारियों से करोड़ों
की संपत्ति बरामद कर रही हैं...ऐसे में लगता तो यही है कि हम एक ऐसे युग में जी
रहे हैं, जहां नैतिक आचरण की कोई अहमियत नहीं रह गई है। ऐसे में अगर भ्रष्टाचार पर
निगरानी रखने वाले सबसे बड़ी वैधानिक संस्था केंद्रीय सतर्कता आयोग के प्रमुख
प्रदीप कुमार नैतिक शिक्षा की वकालत करें तो हमें हैरत नहीं होनी चाहिए।