नीतीश बनाम बीजेपी और भावी
राजनीति का खेल
उमेश चतुर्वेदी
राजनीति में एक मान्यता रही है..यहां कोई भी सत्य आखिरी
नहीं होता...कुछ इसी अंदाज में राजनीति में
दुश्मनी स्थायी नहीं होती...इन मान्यताओं का एक मतलब यह भी है कि बहता पानी
निर्मला की तरह बदलाव राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। कुछ
इसी तर्ज पर यह भी कह सकते हैं कि राजनीति में दोस्तियां भी स्थायी
नहीं होतीं। बिहार की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य
रहे संजय झा की कोई खास वकत नहीं रही है।