(यह पहले ही लिखा गया था..लेकिन अखबारों में जगह हासिल नहीं कर पाया)
उमेश
चतुर्वेदी
गुजरात में पहले दौर में रिकॉर्ड 70.74 फीसदी
मतदान ने राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है। बिहार के पिछले विधानसभा चुनावों से
पहले रिकॉर्ड वोटिंग का मतलब माना जाता था कि सरकार के खिलाफ नाराज वोटरों ने
सरकार के खिलाफ जोरशोर से वोट डाला है। लेकिन बिहार के विधानसभा चुनावों में भारी
मतदान का मतलब ठीक उलट रहा। वहां के वोटरों ने भारी मतदान के साथ नीतीश सरकार के
कामकाज पर एक तरह से मुहर ही लगाई।