(यह पहले ही लिखा गया था..लेकिन अखबारों में जगह हासिल नहीं कर पाया)
उमेश चतुर्वेदी
उमेश चतुर्वेदी
2001
में गुजरात की सत्ता संभालने के बाद नरेंद्र मोदी का यह तीसरा समर था और संभवत: सबसे
ज्यादा चुनौतीपूर्ण भी। ऐसे माहौल में जब उन्हें प्रधानमंत्री पद के सबसे प्रबल
दावेदार के तौर पर देखा जा रहा हो, कायदे से यह चुनाव उनके लिए सबसे ज्यादा आसान
होना चाहिए था। फिर वे उत्तर प्रदेश के किसी नेता की तरह की प्रधानमंत्री पद के
उम्मीदवार नहीं हैं, जहां कई लोग पहले ही प्रधानमंत्रित्व संभाल चुके हैं। गुजरात
की माटी के वे पहले बेटे हैं, जिन्हें कायदे से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के
तौर पर देखा जा रहा है।